विविधता में एकता यह अपने भारत की प्रमुख विशेषता है। विभिन्न जाति, पंथ – संप्रदाय, भाषा – वेशभूषा होते हुए भी एक आंतरिक सूत्र ने भारत जैसे विशाल देश को एकत्रित बांधने का काम किया है। देश की इसी सुंदरता को सुशोभित किया है अपने जनजाति समाज ने…! 26 दिसंबर 1952 को Andaman के Port Blair नगर में श्री Swami Asimanand तथा श्री बाला साहब देशपांडे जी द्वारा कल्याण आश्रम की नींव रखी गई। जनजाति समाज को स्वावलंबी एवं सुसंगठित बनाने के लिए कल्याण आश्रम का कार्य निरंतर चल रहा है। Andaman के लगभग सभी District में कल्याण आश्रम के हजारों संवेदनशील एवं समर्पित कार्यकर्ता अपने जनजाति बंधुओं के विकास के लिए अपना योगदान दे रहे हैं। देश को अखंड और वैभव संपन्न बनाने का यह राष्ट्रीय कार्य है।

Birsa Munda
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